उस पार न जाने क्या होगा ( Us Par Na Jaane Kya Hoga) – हरिवंश राय ‘बच्चन’ (Harivansh Rai ‘Bachchan’) Share this: इस पार, प्रिये मधु है तुम हो,उस पार न जाने क्या होगा!यह चाँद उदित होकर नभ मेंकुछ ताप...
मेरा कुछ सामान ( Mera Kuch Saman) – गुलज़ार (Gulzar) Share this: जब भी यह दिल उदास होता हैजाने कौन आस-पास होता है होंठ चुपचाप बोलते हों जबसांस कुछ तेज़-तेज़...
यह कदंब का पेड़ (Yeh Kadamb Ka Ped) – सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) Share this: यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरेमैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे ले देतीं...
फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार (Phir Koi Aaya Dil-e-Zar) – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmed Faiz) Share this: फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार,नहीं कोई नहींराहरव होगा, कहीं और चला जाएगा ढल चुकी रात, बिखरने लगा तारों का...
ढूँढते रह जाओगे (Dhoondhte Reh Jaoge) – अरुण जैमिनी (Arun Jaimini) Share this: चीज़ों में कुछ चीज़ेंबातों में कुछ बातें वो होंगीजिन्हे कभी ना देख पाओगेइक्कीसवीं सदी मेंढूँढते रह जाओगे बच्चों...
शहीदों की चिताओं पर ( Shaheedon Ki Chitaon Par) – जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’ ( Jagdamba Prasad Mishra ‘Hitaishi’) Share this: उरूजे कामयाबी पर कभी हिन्दोस्ताँ होगा रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियाँ होगा चखाएँगे मज़ा बर्बादिए गुलशन...
तुम गये चितचोर् (Tum Gaye Chitchor) – गोपालदास ‘नीरज'(Gopaldas ‘Neeraj’) Share this: स्वप्न्-सज्जित प्यार मेरा,कल्पना का तार मेरा,एक क्षण मे मधुर निषठुर् तुम गये झकझोर्!तुम गये चितचोर्! हाय! जाना ही...
व्यंग्य (Vyangya) – शैल चतुर्वेदी (Shail Chaturvedi) Share this: हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ाऔर कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?”तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।”खाना खिलाया...
वीर तुम बढ़े चलो (Veer Tum Badhe Chalo) – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी (Dwarika Prasad Maheshwari) Share this: वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो ! हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहेध्वज...
झाला का बलिदान (Jhala Ka Balidan) - Share this: दानव समाज में अरुण पड़ाजल जन्तु बीच हो वरुण पड़ाइस तरह भभकता था राणामानो सर्पो में गरुड़ पड़ा...