नेताजी सुभाषचन्द्र बोस(Netaji Subhashchandra Bose) – गोपालप्रसाद व्यास (Gopalprasad Vyas) Share this: है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक...
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ (Aise Main Man Bahlata Hoon) – हरिवंश राय ‘बच्चन’ (Harivansh Rai ‘Bachchan’) Share this: सोचा करता बैठ अकेले,गत जीवन के सुख-दुख झेले,दंशनकारी सुधियों से मैं उर के छाले सहलाता हूँ!ऐसे मैं मन...
गली में आज चाँद निकला ( Gali Mein Aaj Chand Nikla) – पुष्पा पटेल( Pushpa Patel) Share this: तुम आए जो आया मुझे याद, गली में आज चाँद निकलाजाने कितने दिनों के बाद, गली में आज...
हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के (Hum Laye Hain fan Se Kashti Nikal Ke) – प्रदीप (Pradeep) Share this: पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल केअक्षर सभी पलट गए भारत के भाल केमंजिल पे आया मुल्क...
सच हम नहीं सच तुम नहीं( Sach Hum Nahin Sach Tum Nahin) – जगदीश गुप्त (Jagdish Gupt) Share this: सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है सतत संघर्ष ही । संघर्ष से हट कर जिए तो...
कुछ अशआर ( Kuch Ashaar) – राम प्रसाद ‘बिस्मिल′ (Ram Prasad ‘Bismil’), Share this: इलाही ख़ैर वो हरदम नई बेदाद करते हैँहमेँ तोहमत लगाते हैँ जो हम फरियाद करते हैँ ये कह...
उठो धरा के अमर सपूतो ( Utho Dhara Ke Amar Sapooton) – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी (Dwarika Prasad Maheshwari) Share this: उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो । जन-जन के जीवन में फिर से नई स्फूर्ति,...
शोक की संतान (Shok Ki Santaan) – रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (Ramdhari Singh ‘Dinkar’), Share this: हृदय छोटा हो, तो शोक वहां नहीं समाएगा। और दर्द दस्तक दिये बिना दरवाजे से लौट जाएगा। टीस...
क्षण भर को क्यों प्यार किया था (Kshan Bhar Ko Kyoon Pyaar Kiya Tha) – हरिवंश राय ‘बच्चन’ (Harivansh Rai ‘Bachchan’) Share this: अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर,पलक संपुटों में मदिरा भर,तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था?क्षण...
इतने ऊँचे उ Share this: इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि सेसिंचित करो धरा, समता...