क्षण भर को क्यों प्यार किया था (Kshan Bhar Ko Kyoon Pyaar Kiya Tha) – हरिवंश राय ‘बच्चन’ (Harivansh Rai ‘Bachchan’)

Share this:     अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर,पलक संपुटों में मदिरा भर,तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था?क्षण...

इतने ऊँचे उ

Share this:     इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि सेसिंचित करो धरा, समता...